जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है पूरी जानकारी

जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है, खेत, प्लाट, घर या जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं इसकी पूरी जानकारी यहाँ बताएँगे। अगर आप प्रॉपर्टी जैसे कि खेत, घर, फ्लैट या जमीन खरीद रहे है या खरीदने की सोच रहे है लेकिन आपको यह नहीं मालूम कि आखिर में जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है तो आज इस पोस्ट में आपको इसकी पूरी प्रोसेस बताने वाले है। जमीन की रजिस्ट्री हेतु पेपर बनवाने से लेकर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी यहाँ मिलेगा।

हेलो फ्रेंड्स, myandroidcity.com पर आपका हार्दिक स्वागत है। अपने लिए घर या जमीन खरीदना बहुत लोगों का सपना होता है। अपने सपने को पूरा करने के लिए अच्छी मेहनत करते है और अपने आपको उस लेवल पर खड़ा कर देते है जहाँ हम जमीन खरीद सकें। लेकिन जमीन खरीदने के लिए रजिस्ट्री प्रोसेस की जानकारी होना बेहद जरुरी है। अगर आप इसमें कोई भी गलती करते है तब आपकी मेहनत की कमाई बर्बाद हो सकती है। इसलिए अगर आप जमीन खरीद रहे है तो रजिस्ट्री कैसे कराते है इसकी जानकारी होना जरुरी है। तो चलिए स्टेप by स्टेप शुरू करते है।

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खेत, प्लाट, घर या जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है ?

दोस्तों, अधिकांश लोग जमीन की रजिस्ट्री करवा लेते है लेकिन उसके बाद का महत्वपूर्ण कार्य नहीं करते है। इसलिए बाद में जमीन के लफड़े में फंस जाते है। इसलिए हमने यहाँ रजिस्ट्री प्रक्रिया को 6 स्टेप में बताया है। ये सभी स्टेप पूरा करने के बाद जमीन पूरी तरह से आपकी हो जाएगी। चलिए स्टेप by स्टेप जाने कि जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है ?

स्टेप-1 जमीन का बाजार भाव और सरकारी रेट पता करें

सबसे पहले आप जो प्रॉपर्टी खरीद रहे है उसका वैल्यू पता करें। मार्केट के हिसाब से और सरकारी रेट के अनुसार उस जमीन का रेट मालूम करना जरुरी है। क्योंकि उस प्रॉपर्टी की सरकारी वैल्यू के अनुसार ही स्टाम्प ड्यूटी पेपर बनवाना पड़ता है। स्टाम्प ड्यूटी एक तरह दे सरकार को दिया गया एक तरह से टैक्स होता है। और ये स्टाम्प ड्यूटी उस जमीन की वर्तमान सरकारी रेट के अनुसार देना पड़ता है। अगर ये आपको पहले से ही पता लग जाए तब रजिस्ट्री के दिन पैसे का हिसाब अच्छे से रख सकेंगे। किसी भी जमीन का सरकारी रेट उस स्टेट की राजस्व विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट से पता किया जा सकता है।

स्टेप-2 स्टाम्प ड्यूटी पेपर खरीदें

जमीन का मार्किट वैल्यू और सरकारी रेट पता करने के बाद अब आपको स्टाम्प ड्यूटी पेपर खरीदना होगा। इस पेपर को आप कोर्ट में जाकर खरीद सकते हैं या ऑनलाइन रजिस्टर्ड वेबसाइट पर से खुद ही खरीद सकते है। ध्यान रहे कि ये stamp duty आपको जमीन की वर्तमान वैल्यू के हिसाब से बनवाना पड़ेगा। मानलो आपने कोई घर या जमीन आपने खरीदा है और उस एरिया के हिसाब उसकी मार्किट कीमत है 20 लाख रुपए है लेकिन अगर उस जमीन की सरकारी रेट 18 लाख रूपये है तब आपको 18 लाख के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी खरीदना होगा।

अधिकांश मामलों में किसी भी जमीन का सरकारी रेट, वर्तमान बाजार भाव की तुलना में कम ही होता है। इसके बाद आपको जमीन को भी खरीदने और बेचने का पेपर बनवाना है। चलिए आगे की स्टेप को जानते है।

स्टेप-3 जमीन खरीदने और बेचने का पेपर बनवाएं

आपका अगला काम है कि जमीन की रजिस्ट्री पेपर बनवाना। रजिस्ट्री पेपर बनवाने के लिए आप किसी अच्छे वकील के पास जाएँ। क्योंकि जमीन से सम्बंधित क़ानूनी पहलु को वो अच्छे से समझता है और पेपर भी आपके लिए ऐसी बनाएगा जिससे भविष्य में आपको परेशानी नहीं आएगी। इस जमीन के पेपर में साफ-साफ लिखा होना चाहिए कि जो जमीन है वह किसके नाम पर है और किसके नाम पर किया जा रहा है। रजिस्ट्री पेपर में घर का एड्रेस साफ साफ लिखा होना चाहिए। घर का कौन सा जमीन है, कितने गज का जमीन है और कितने प्लॉट में है, यह सारा का सारा विवरण आपको इस पेपर के अंदर लिखा होना चाहिए।

इसके अलावा जमीन कितने में खरीदा, आपने जमीन को किससे खरीदा वह सारे के सारे डिटेल आपको इस पेपर में लिखे होने चाहिए। इसके साथ ही सभी नियम एवं शर्ते जरूर लिखें होने चाहिए जो क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करता हो। वैसे किसी अच्छे वकील को रजिस्ट्री का कार्य करवाएंगे तब आपको ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। वो सभी आवश्यक चीजें स्टाम्प पेपर में मेंशन कर देगा।

स्टेप-4 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार के पास जाये

रजिस्ट्री पेपर बन जाने के बाद आपको जमीन की रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार के पास जाना है। इसमें जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है और जो जमीन खरीद रहा है उन दोनों को एक साथ रजिस्ट्रार के पास जाना रहता है। इसके अलावा साथ में दो गवाह होने चाहिए और उनके आधार कार्ड या फिर वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए। ऑफिस में रजिस्ट्री पेपर को सबमिट कर दें। इसके बाद registrar जमीन खरीद और बेच रहे व्यक्ति से कुछ सामान्य सवाल पूछेंगे। फिर सभी अँगुलियों के निशान और आँखों को स्कैन किया जायेगा। फिर क्रेता और विक्रेता से हस्ताक्षर कराएँगे। रजिस्ट्री कार्य पूरा होने के बाद आपको इसकी रशीद मिलेगा इसे आपको संभाल के अपने पास रखना है।

स्टेप-5 प्रॉपर्टी की डॉक्यूमेंट को लेने जाये

कुछ दिनों बाद प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट को राजस्व विभाग द्वारा वेरीफाई किया जाता है। वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा कंप्लीट हो जाने के बाद आप रजिस्टार ऑफिस में रशीद को दिखाकर प्रॉपर्टी की ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स प्राप्त कर सकते है। किसी भी जमीन की रजिस्ट्री हेतु वकील की मदद जरूर लेनी चाहिए। अगर आप से कोई गलती हो जाती है तो ऐसे स्थिति में आपको भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

स्टेप-6 जमीन की ऑनलाइन रिकॉर्ड में सुधार करवाएं

आपको ओरिजिनल रजिस्ट्री पेपर मिल जाने के बाद दाखिल ख़ारिज हेतु आवेदन करना होता है। इसे आप राजस्व विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते है। या कई राज्यों ने ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान किया है। बिना इसके जमीन पर आप कुछ कार्य नहीं करवा सकते। इसके साथ ही ऑनलाइन भू अभिलेख रिकॉर्ड में पुराने मालिक का नाम होगा उसे चेंज करवाकर अपना नाम डलवा लें। बहुत लोग इस काम को ध्यान नहीं देते जिससे बाद में परेशानी झेलना पड़ता है।

जमीन की रजिस्ट्री से सम्बंधित प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 01 जमीन का मार्किट वैल्यू और सरकारी रेट पता कैसे करें ?

अपने राज्य की राजस्व विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट को ओपन करें। इसके बाद govt land rate चेक करने का ऑप्शन सेलेक्ट करें। सभी राज्यों ने इसे लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराया है। आप वहां से घर बैठे बिना किसी परेशानी के जमीन का वर्तमान कीमत पता कर सकते है।

प्रश्न 02 स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री चार्ज कैसे पता करें ?

स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री चार्ज पता करने के लिए भी राजस्व विभाग ने ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराया है। आप जमीन का विवरण जैसे – एरिया, जमीन की कीमत, क्षेत्र आदि के द्वारा स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री चार्ज की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

प्रश्न 03 जमीन किसके नाम पर है कैसे पता करें ?

जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पहले ये भलीभांति पता कर लें कि जो जमीन आप खरीद रहे है उसका मालिक कौन है। क्या जो व्यक्ति आपको जमीन बेच रहा है उसके नाम पर ही ये जमीन है या नहीं। इसके लिए अपने राज्य की भूलेख वेबसाइट को ओपन करें। फिर उस जमीन का खसरा नंबर से आप जान सकते है कि उसका मालिक कौन है।

प्रश्न 04 रजिस्ट्री के लिए कौन कौन सा दस्तावेज लगता है ?

जमीन की रजिस्ट्री के लिए आपको ये दस्तावेज लग सकते है। ये अलग अलग स्थिति में अलग अलग हो सकता है –
1-पहचान पत्र – जैसे आधार कार्ड
2-खाता प्रमाण पत्र
3-NOC – नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
4-जनरल पावर ऑफ़ अटार्नी
5-अलॉटमेंट लैटर
6-प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें
7-बैनामा

सारांश – जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है इसकी पूरी जानकारी हमने यहाँ बताया है। हमें उम्मीद है कि खेत, प्लाट, घर या जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं इसके बारे में पूरी प्रक्रिया आप जान गए होंगे। अगर इससे सम्बंधित आपके नाम में कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है। हम बहुत जल्दी आपको रिप्लाई करेंगे। मिलते है ऐसी ही एक नई जानकारी के साथ। थैंक यू !

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6 thoughts on “जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है पूरी जानकारी”

  1. Sir mere chacha ko meri dadi ne dusra gher banwa ke diya he

    Fir bhi mere papa ke gher pe kabza kare he pepars papa ke name per he

    Iske liya kya kre

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    • सर आप इस पारिवारिक विवाद को परिवार में ही सुलझा लें। अगर कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसे तो किसी का भला नहीं होने वाला।

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  2. Sir agar dada ji pote ko, apni sari property me se adhe se adhik property pote ki name registry karna chahte hai to kya dada ji ke 2bete hai kya wo us property pe koi kanooni karyawahi kar sakte hai in future

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    • पिता की जमीन जायदाद पर सबसे पहले हक़ उनके बच्चो का होता है। आप किसी अच्छे वकील से इस सम्बन्ध में बात कीजिये।

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  3. Sir hamne 50 saal pahle kisi ristedaar se jamin li thi us jamin par hum makan bana kar rah rahe hai
    Jamin ka patta hamare naam hai par ragistri nahi hai to kya kare
    Ab wo ristedaar bol raha hai ki jamin hamari hai to kya kare

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    • सर अगर आपस में सुलझ सकता है तो सुलझाइये नहीं तो न्यायालय में जाइये।

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